Wealth in Astrology
Wealth in Astrology – मित्रों, पिछले पोस्ट में मैं Astrology क्या है. ? उसका उत्पति कहाँ से हुई इन बातों को बता चूका हूँ. अब रही ज्योतिष के उपयोग की बात तो सूर्य, चन्द्रमा, बिजली के प्रकाश या गाड़ी के हेडलाईट से हमें वर्तमान वस्तुस्थिति का ज्ञान होता है.
Astrology is a Like a Head Light
जैसेकि रात को हमें बाइक या गाड़ी चलानी हो तो उसके हेडलाईट को जला लेते हैं. ताकि हमें सड़क के वस्तुस्थिति का भान हो सके. ठीक उसी तरह Astrology जोकि वास्तव में प्रकाश ही है. से भी हमें गाड़ी वाइज चल रहे. किसी के भी जीवनयात्रा के भावी Future वस्तुस्थिति का ज्ञान होता है . गाड़ी से हम यात्रा करते हैं, और जीवन एक सफ़र या यात्रा का नाम है. एक फ़िल्मी Song “ जिन्दगी एक सफ़र है, सुहाना यहाँ कल क्या हो किसने जाना. ” इसी तरह के और भी कई फ़िल्मी Songs हैं |
ज्योतिष में प्रयुक्त होने वाला जन्मकुंडली उर्फ़ Birthchart में 12 घर होते हैं, जिनमें से दूसरा और ग्यारहवां घर व्यक्ति के धन Wealth को बताता है. पर उसे सही तौर से जानने के लिए व्यक्ति का Real तारीख, माह, ईस्वीसन, जन्म समय और स्थान के विवरण पर बना जन्मकुंडली होना जरुरी है.|
Original Birth Date Ka Importance
इसमें मजे कि बात यह है कि आप अनपढ़ गंवारों को तो छोड़ ही दीजिये दुनियां में कई ऐसे भी पढ़े लिखे लोग मिल जायेंगे जिनको अपना Original Birth Date मालुम नहीं है. | अब यह सवाल कि जन्मकुंडली वास्तव में क्या है ? तो कई धुरंधर विद्वानों ने जन्मकुंडली को आईना Mirror कहा है जोकि व्यक्ति के जीवन को प्रतिबिंबित या Reflect करता है. |
चाणक्य ने भी कहा है “
पूर्वजन्म के कर्म अनुसार ही जन्म, मृत्यु, विद्या, धन और मित्र [Life partner] आदि 5 चीजें कुदरत पूर्व में ही तय करके जीव को माता के गर्भ में स्थापित करता है. कुदरत पूर्व में ही तय करके जीव को माता के गर्भ में स्थापित करता है. यह सब बात व्यक्ति का Horoscope हुबहू Reflect करता है. चाणक्य के थ्रू कौन सा Brick मंदिर में जाकर जुड़ेगा या कौन सा लेट्रिन में यह कुदरत द्वारा पूर्व में ही तय रहता है. किसको राजस्थान में जन्माकर पानी के लिए तरसाना है या किसको गंगा के बाढ़ में डूबाकर मारना है. यह भी कुदरत पूर्वजन्म के कर्म अनुसार ही तय किया रहता है.
Introduction
हेल्लो Guys
मैं हूँ आपका दिनेश्वर सिंह रौतिया तो आज के पोस्ट में हम “ बाप बड़ा न भैय्या सबसे बड़ा रुपैय्या” -याने आजकल का निहायत ही जरुरी चीज धन Wealth के उपर एक Motivational Story के थ्रू चर्चा करेंगे.
Motivational Story
एक भिखारी Beggar था, एक दिन वह एक सेठ के दरवाजे पर जाकर आवाज लगाया. “ कुछ भीख मिले भगवान् ! तुम कितने अन्यायी हो इस सेठ को तो तुमने बहुत सारा धन-दौलत दिया है, जबकि मुझे भिखारी बनाया है. ” उसके आवाज को सुनकर सेठ तुरंत घर से बाहर निकला , और भिखारी से कहा “ ए भाई ! तुम भगवान् का इस तरह निंदा क्यों कर रहे हो? जो उसने मुझे दिया है वही सब कुछ तो तुम्हें भी दिया है.
तो भिखारी चमक कर कहा
तो भिखारी चमक कर कहा “ क्या कहते हो सेठजी, अगर भगवान् मुझे भी तुम्हारे जैसा ही दिया रहता तो, क्या मैं इस तरह भीख मांगता होता ? ” तब सेठ ने कहा कि “ देखो भगवान् ने मुझे 1, 1 मूंह, नाक, 2, 2 आँख, कान, हाथ और पैर दिया है, वही सब तो तुम्हें भी दिया है, तो फिर उसका शिकायत क्यों कर रहे हो ?
सेठ ने कहा
आगे सेठ ने कहा कि “ अगर तुम मुझे अपने एक आँख को दे दो तो, मैं उसके बदले में तुम्हें 5 सौ रूपये दूंगा. ” भिखारी ने कुछ पल सोचा फिर बोला- “ सेठजी अगर मैं अपने दोनों आँखों को दे दूँ तो आप मुझे कितना दोगे ?
Confidence से भरा मेहनत मंजूरी करने के लिए
सेठ ने कहा “ तो मैं तुम्हें पुरे 1 हजार रूपये दूंगा.” भिखारी ने अपने शरीर के हर अंग प्रत्यंग का बोली लगाता गया, सेठ उसका कीमत बताता गया. इस तरह उसके शरीर का कीमत हजारों में था जिसे जानने समझने पर भिखारी अचंभित रह गया, क्या वाकई में भगवान् उसे इतना कीमती शरीर दिया है ? उसका सोया हुआ Confidence जागा तो उसने भीख के कटोरे को एक तरफ फेंका, और Confidence से भरा मेहनत मंजूरी करने के लिए चल पड़ा .
Sansar me धनलक्ष्मी Wealth
तो फ्रेंड्स, इस Confidence से भरा मेहनत मंजूरी करने के लिए, Sansar me धनलक्ष्मी Wealth सदा से ही अनवरत बह रही है, और जिस व्यक्ति में जितना Confidence भरा होता है वह उसी के हिसाब से बहते धनलक्ष्मी को उलीचता है. हमारे गांव देहात तरफ एक कहावत है कि, “ जो हिम्मत करे सो अपने घर में हाथी Elephant बांधे ” जोकि बिलकुल ही सत्य है . भगवान् ने हम सभी को एक बराबर ही आँख, कान, नाक, मुंह और हाथ पांव दिया है तो फिर हम में से कोई व्यक्ति गरीब और कोई अमीर क्यों है ? इस सवाल का जबाब है *Confidence*
Conclusion
Confidence अगर वह आप में है तो आप धनवान बन सकते हैं आपके अन्दर Confidence नहीं है फिर तो आप गरीब होंगे. संत कबीर ने कहा है “ मन के हारे हार है मन के जीते जीत. पारब्रह्म को पाइए मन ही की प्रतीत.” इसको आप यूँ कह सकते हैं, “Confidence के हारे हार है Confidence के जीते जीत. धनलक्ष्मी को पाइए Confidence ही की प्रतीत.“